RT @drharshvardhan: ओ माई मेरी क्या फिकर तुझे क्यूँ आँख से दरिया बहता है तू कहती थी तेरा चाँद हूँ मैं और चाँद हमेशा रहता है.. तेरी मिट्टी में मिल जावां गुल बनके मैं खिल जावां इतनी सी है दिल की आरज़ू.. तेरी नदियों में बह जावां तेरी फसलों में लहरावां इतनी सी है दिल की आरज़ू.. #IndianArmy 🙏 https://t.co/w1Gpszd4ve